The Inside Story

खौफनाक  मंज़र  जो  देख  या  सुन  मौत  के 

रियासत  से  सियासत  तक , दिल  तो  सबके  दहल  गए

कह  लो  बुरा  चाहे  जितना , या  बुलवा  लो  बेबुनियाद  इल्जामों  की  बैठके 

उस  अन्दर  के  अपने  शैतान  को  कभी  जो  देख  पाए  होगे

गौर  फ़रमाया  कभी , कि  आगे  बढ़ने  की  ज़िद  में  कहीं
कुछ  जज़्बात , कुछ  अपने , अब  सपने  रह  गए
जो  ली  थी  कभी  दराज़ों  के  नीचे  से
या  जो  फाइलों  के  वजन  बढ़ा  गए
कहीं  वही  तो  नहीं  ये  लालच  के  भेड़िये
जो  आज  तुम्हारे  अपनों  को  खा  गए…
बदल  जाओ , बदल  डालो  ये अपनी  आँखों  को धोखा  देना

वरना  शीशे  के  उस  पार  के  दो  हाथ , फिर  गला  तुम्हारा  ही  नाप  जायेंगे !!

एक टिप्पणी

  1. googlen · जुलाई 19, 2011

    Good to see something meaningful…:)

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